
हाल के दिनों में द्रौपदी मुर्मू पर बिहार एनडीए में काफी एकजुटता देखने को मिली है। सभी घटक दल जिनमें मांझी के साथ पशुपति पारस और जदयू शामिल हैं। सभी ने एक स्वर में एनडीए उम्मीदवार का समर्थन दिया है। पीएम मोदी द्वारा घोषित उम्मीदवार द्रौपदी को लेकर अब किसी को कोई सस्पेंस नहीं है।
इतना ही नहीं अब चिराग पासवान भी एनडीए के पाले में आते हुए नजर आ रहे हैं। राजनीतिक जानकारों की नजर में साल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रपति चुनाव के जरिए NDA को पुराने दौर में ले जाने की कवायद शुरू हो गई है।
आपको बता दें कि हाल के दिनों में एवं 2020 में बिहार एनडीए में तनातनी बढ़ गई थी। कहा गया कि जाति जनगणना और जनसंख्या के मुद्दे पर जदयू का रुख दूसरे से अलग है और जदयू विशेष दर्जे का मुद्दा उठाकर एनडीए को असहज कर सकती है। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
इस बीच, इफ्तार में तेजस्वी के साथ नीतीश की मुलाकात ने भारतीय जनता पार्टी को असहज कर दिया। ऐसा लग रहा था कि गठबंधन यानी एनडीए अब बिखर ही जाएगा। लेकिन ऐसा भी नहीं हुआ। मामला तब और गरमा गया जब जाति गणना के मुद्दे पर तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार इस मुद्दे के बहाने बंद कमरे में एक घंटे से अधिक टाइम तक बैठे रहे और इसके साथ ही राजनीतिक कयास भी तेज हो गए।
उसके बाद BJP की आवाज जाति जनगणना पर जदयू से मिलने लगी। उसके बाद राष्ट्रपति चुनाव में नीतीश कुमार की उम्मीदवारी की चर्चा जदयू के बड़े नेताओं से होने लगी, जिससे एनडीए में फिर हलचल तेज हो गई।
आपको बता दें कि राजनाथ सिंह को राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे पर सभी दल पार्टियों से बात करनी पड़ी थी। राजनाथ ने नीतीश के साथ मिलकर एनडीए के सभी घटकों को समय सीमा के भीतर ले लिया। एनडीए में अब सब कुछ ठीक ठाक है। नरेंद्र मोदी द्वारा द्रौपदी मुर्मू का नाम सामने रखने के बाद नीतीश कुमार ने तुरंत इस पर मुहर लगा दी और एनडीए को लेकर अटकलों पर विराम लगा दिया।
द्रौपदी मुर्मू के नाम पर हम, लोक जनता पार्टी पशुपति पारस गुट ने भी अपनी समर्थन देने में देर नहीं की। वहीं राजनाथ सिंह ने भी चिराग पासवान को फोन कर समर्थन मांगा और पासवान को भी एनडीए का हिस्सा बताया। चिराग ने भी अपने समर्थन की घोषणा की।