
पेट्रोल पंपों पर डीजल-पेट्रोल की आपूर्ति में बाधा बनी हुई है। स्थिति यह है कि पंपों को रिजर्व स्टॉक रखना मुश्किल होता रहा है। पंप संचालकों के मुताबिक ग्राहकों के दबाव के चलते उन्हें पेट्रोल व डीजल देना पड़ रहा है, जबकि तेल कंपनियां समय पर इसकी आपूर्ति नहीं कर पा रही हैं। नतीजतन, रिजर्व स्टॉक कम हो रहा है। विशेष परिस्थितियों में इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ सकता है।
बता दें कि सभी पेट्रोल पंपों को तीन दिन का रिजर्व-स्टॉक रखना होता है। यानी अगर कोई पेट्रोल पंप रोजाना 5000 लीटर तेल बेचता है तो उस पंप में हमेशा 15 हजार लीटर तेल होना चाहिए। तेल कंपनियों और सरकार की ओर से इस संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं ताकि आपात स्थिति में तेल की आपूर्ति न होने पर भी लोगों को पेट्रोल पंपों से तेल मिलता रहे।
पंप संचालकों का कहना है कि कंपनी की ओर से वक्त पर तेल की आपूर्ति नहीं होने से तीन दिन का रिजर्व स्टॉक-नहीं रखा जा रहा है। खपत के अनुमान के मुताबिक पंपों पर कभी एक दिन का तो कभी 2 दिन का ही तेल रह जाता है। कुछ पंप सूख रहे हैं। शहर के बाहर पंपों की हालत और भी खराब है।
किसी तरह आपातकालीन स्टॉक बनाए रखना
पंप संचालकों के मुताबिक रिजर्व स्टॉक के अलावा पंप पर इमरजेंसी स्टॉक भी है। इसका उपयोग आपातकालीन स्थितियों में पुलिस, एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड, अस्पताल और अन्य आपातकालीन सेवाओं को ईंधन प्रदान करने के लिए किया जाता है। तेल कंपनियों की ओर से जरूरत के मुताबिक और टाइम पर तेल न मिलने से किसी तरह इमरजेंसी स्टॉक रखा जा रहा है।
तो यह एक प्रॉब्लम समस्या हो सकती है
पंप संचालकों के मुताबिक अगर तेल कंपनियां किसी कारण से तीन-चार दिन तक ईंधन की आपूर्ति नहीं करती हैं तो बड़ी प्रॉब्लम खड़ी हो जाएगी। आवश्यक ईंधन की अनुपलब्धता के कारण अधिकांश पंप पहले से ही खराब स्थिति में हैं। ऐसे में अगर कुछ दिनों के लिए आपूर्ति बंद कर दी जाती है तो लोगों को तेल पंपों से न तो ईंधन मिल पाएगा और न ही कोई विकल्प होगा।
कोलफील्ड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के महासचिव संजीव राणा ने कहा, ‘आपातकालीन स्टॉक बनाए रखा जा रहा है। रिजर्व स्टॉक को बनाए रखने में कठिनाई। कंपनी से तेल समय पर नहीं मिल रहा है। बावजूद इसके सभी पंपों पर तीन दिवस तक ईंधन रखने का प्रयास किया जा रहा है।