
झारखंड हाईकोर्ट ने रांची के डीसी छवि रंजन पर जुर्माना लगाया है। साथ ही इनके काम करने के तरीके पर भी आपत्ति जताई गई है। दरअसल, अपोलो अस्पताल रास्ता विवाद मामले में HC ने रांची के डीसी को समय देने और किफायती हलफनामा दाखिल करने के बावजूद अपनी ओर से हलफनामा नहीं देने पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।
इस मामले की सुनवाई झारखंड हाईकोर्ट के जज एस चंद्रशेखर एवं जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की कोर्ट में हुई। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने हाईकोर्ट को बताया कि इस मामले में जानबूझकर हलफनामा दाखिल नहीं किया जा रहा है। कोर्ट के बार-बार आदेश के बावजूद इसकी अनदेखी किया जा रहा है।
कोर्ट ने दिया समय लेकिन डीसी ने नहीं दिया जवाब
कोर्ट ने जानना चाहा कि 5 अप्रैल को डीसी को चार हफ्ते में शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश कब दिया गया। उसके बाद नौ मई को दोबारा मौका दिया गया लेकिन जवाब दाखिल नहीं किया गया। जवाब के लिए आठ जून को भी वक्त दिया गया, फिर भी जवाब दाखिल नहीं किया गया। इससे नाराज होकर कोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए रांची डीसी के कामकाज पर कड़ी नाराजगी जताई और 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया।
दो सप्ताह में जुर्माने सहित शपथ पत्र पेश करने का आदेश
रांची डीसी को आखिरी मौका देते हुए दो हफ्ते के अंदर अर्थदण्ड सहित शपथ पत्र कोर्ट में पेश करने को कहा गया है। शपथ पत्र दाखिल होने के बाद मामले की अगली सुनवाई की जाएगी। बता दें कि झारखंड एचसी में अपोलो अस्पताल में रूट विवाद को लेकर सुनवाई चल रही थी। इससे पहले कोर्ट में रांची डीसी से मामले में शपथ पत्र दाखिल करने को कहा गया था। लेकिन कई बार इस मामले में केवल समय लगता था और शपथपत्र दाखिल नहीं होता था। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई।