
पहले वनडे में मिली हार के बाद Team India के वनडे प्रारूप में रवैये और टीम चयन को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं. साल 2021 में सिर्फ छः वनडे खेलने वाली इंडिया टीम को पार्ल में साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले वनडे में 31 रन से हार का सामना करना पड़ा था। दिग्गज ओपनर सुनील गावस्कर ने एकदिवसीय फॉर्मेट में टीम इंडिया की सबसे बड़ी कमजोरी को उजागर कर दिया है।
भारतीय टीम में ऑलराउंडरों की कमी
साल 1983 World Cup विजेता टीम के सदस्य सुनील गावस्कर ने 1983, 2011 वर्ल्ड कप विजेता टीम और मौजूदा टीम की तुलना करते हुए बहुत बड़ी बात कही है। सुनील गावस्कर के मुताबिक इस भारतीय टीम में ऑलराउंडरों की भारी कमी है।
गावस्कर ने कहा, ‘भारतीय टीम के बड़े टूर्नामेंटों में पराजय होने की एक बड़ी वजह टीम में ऑलराउंडरों की कमी है। 1983 World Cup विजेता टीम और 2011 WC विजेता टीम या 1985 वर्ल्ड चैंपियनशिप को देखें तो वह टीम ऑलराउंडरों से भरी हुई थी।
मौजूदा इंडिया टीम में ऐसे खिलाड़ियों की कमी है, जो बल्लेबजी के साथ साथ कुछ ओवर गेंदबाजी कर सकते हैं और निचलेक्रम में टीम के लिए बल्ले से कुछ अहम रन जोड़ सकते हैं। शार्दुल ठाकुर के अलावा टीम में फिलहाल कोई दूसरा प्लयेर नहीं है।
6,7,8वें नंबर पर ऐसे प्लेयर्स की जरूरत है, जो….
सुनील गावस्कर के मुताबिक, ‘ वनडे क्रिकेट में 6, 7 तथा 8 को ऐसे खिलाड़ियों की जरूरत है जो बल्ले और गेंद से महत्वपूर्ण योगदान दे सकें। सुरेश रैना और युवराज सिंह ने 2011 विश्व कप में इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाया था। पिछले 2-3 वर्ष में टीम इंडिया की यह सबसे बड़ी कमजोरी है।
वनडे सीरीज की कप्तानी कर रहे केएल राहुल ने वेंकटेश अय्यर को छठे बॉलर के तौर पर इस्तेमाल करने की योजना बनाई थी। सीरीज बराबर करने की मंशा से भारतीय टीम आज को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे ODI में उतरेगी।