
चार साल पहले एशिया कप में शुरू हुई भारतीय टीम की जीत का सिलसिला अब खत्म हो गया है। चार साल पहले रोहित शर्मा की कप्तानी में इंडिया टीम ने बिना एक भी मैच गंवाए खिताब अपने नाम किया था। इस बार भी इंडिया ने शुरुआती दोनों मैच जीते थे लेकिन अब टीम को हार का सामना करना पड़ा है। हार आई भी है तो पाकिस्तान के खिलाफ है। टीम इंडिया के लिए इस मैच में विराट कोहली ने बढ़िया पारी खेली थी, लेकिन सवाल ये उठ रहा है कि क्या आखिरी ओवर में उनकी एक कोशिश अंत में टीम पर भारी पड़ी?
दुबई में रविवार चार सितंबर को भारत ने फर्स्ट बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में सात विकेट के नुकसान पर 181 रन बनाए। टीम इंडिया के लिए कप्तान रोहित शर्मा एवं केएल राहुल की ओपनिंग जोड़ी धमाकेदार उतरी। इसके बाद विराट कोहली ने मोर्चा संभाला। छठे ओवर में बल्लेबाजी के लिए आए विराट आखिरी ओवर तक जमे रहे और उन्होंने 44 बॉल में 60 रन की पारी खेलकर टीम को 181 रन तक पहुंचाया।
अच्छी पारी के बावजूद विराट ने की गलती?
हालांकि दूसरे छोर से विराट कोहली को ज्यादा सपोर्ट नहीं मिला और टीम के प्रमुख बल्लेबाज पवेलियन लौट गए। ऐसे में जब 20 वां ओवर आया तो पाकिस्तान ने तेज गेंदबाज हारिस रऊफ को अटैक पर डाल दिया। विराट के साथ क्रीज पर भुवनेश्वर कुमार थे, जो ठीक-ठाक बल्लेबाजी कर सकते थे। रऊफ ने विराट को लगातार गेंदबाजी करने के लिए गति में बदलाव का अच्छा इस्तेमाल किया और इस दौरान वह पहली तीन गेंदों में एक भी रन नहीं बना सके।
हालांकि विराट के पास दूसरी गेंद पर रन लेने का मौका था, लेकिन उन्होंने इस सिंगल को लेने से इनकार कर दिया। यहां भुवनेश्वर में विराट का अविश्वास शायद टीम पर भारी पड़ा, क्योंकि इससे टीम के स्कोर में एक और रन जुड़ सकते थे और शायद भुवि भी किसी तरह बाउंड्री हासिल कर सकते थे।
विराट कोहली का रन न लेना भी चौंकाने वाला था क्योंकि उन्होंने पूरी पारी में सिंगल्स एवं डबल्स से बाउंड्री से ज्यादा रन बनाए थे। साथ ही पहले बल्लेबाजी करते हुए आमतौर पर हर टीम हर बॉल पर रन बनाने की कोशिश करती है।
बाउंड्री पर नहीं लग पाए विराट
चौथी बॉल पर भी कोहली बाउंड्री नहीं लगा सके और मजबूरी में उन्हें दो रन के लिए दौड़ना पड़ा, जिसमें वे रन आउट हो गए। आखिरी दो गेंदों में पाकिस्तान की खराब फील्डिंग की मदद से रवि बिश्नोई ने 2 चौके लगाए, जिससे टीम 181 रन पर पहुंच गई आखिरी ओवर की 5वी गेंद पर पाकिस्तान ने यह मैच जीत लिया। ऐसे में एक अतिरिक्त रन जीत या हार का अंतर बना सकता था।