
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का 15वां सीजन खत्म हो गया है। इस सीजन में डेब्यू करने वाली गुजरात ने अपने पहले सीजन में ही खिताब अपने नाम कर लिया था। गुजरात ने रविवार को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले गए मैच में राजस्थान रॉयल्स को सात विकेट से हराकर आसान जीत हासिल की।
हार्दिक पांड्या की कप्तानी में टीम ने एक साथ दमदार खेल दिखाया, लेकिन टीम के सपोर्ट स्टाफ ने मैदान पर टीम का खिताब दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई. खासकर मेंटर गैरी कर्स्टन और कोच आशीष नेहरा। इन दोनों की जोड़ी ने पर्दे के पीछे से टीम को खिताब दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई और टीम के खिलाड़ियों ने भी इस बात को स्वीकार किया. ये वही जोड़ी है जिसे 2019 सीजन से पहले रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने बाहर किया था। लेकिन इस जोड़ी ने नई टीम के साथ नई कहानी लिखी और नई टीम को खिताब दिलाया।
RCB ने 2018 सीजन के बाद आशिस नेहरा को गेंदबाजी कोच और गैरी कर्स्टन को बल्लेबाजी कोच नियुक्त किया था। लेकिन अगले सीजन से पहले ही इन दोनों को हटा दिया गया था। आरसीबी के खेल में हालांकि इसके बाद भी बदलाव नहीं आया और वो खिताब नहीं जीत सकी लेकिन कर्स्टन और नेहरा ने IPL-2022 में नई टीम के साथ इस लीग में वापसी की और टीम को विजेता बनाकर ही दम लिया।
हार्दिक ने बांधे तारीफों के पुल

कर्स्टन के पास कोचिंग का काफी अनुभव है। वह भारतीय क्रिकेट टीम के कोच भी रह चुके हैं। उनके रहते ही टीम ने 2011 में विश्वकप जीता था। कर्स्टन के बारे में कहा जाता है कि वह अपने खिलाड़ियों को खुलकर खेलने देते हैं और आत्मविश्वास देते हैं। नेहरा का अंदाज बेफ्रिक है। वह न ज्यादा दबाव लेते हैं और न ही अपने खिलाड़ि पर दबाव बनाते हैं। इन दोनों का टीम की सफलता में क्या योगदान रहा है कि इसका मैच के बाद कप्तान हार्दिक के बयान से समझा जा सकता है।
उन्होंने कहा, “जिस तरह का समर्थन सपोर्ट-स्टाफ ने हमें दिया वो शानदार था। मैं और आशू पा सोचने के मामले में एक जैसे हैं। हम चाहते थे कि हमारे पास ऐसे गेंदबाज हो जो हमें T-20 में जीत दिला सकें। आशीष नेहरा से लेकर गैरी, अशाष कपूर सफलता का श्रेय इन्हें जाता है।”
मैदान पर दिखी मेहनत
कर्स्टन और आशीष ने जिस तरह से टीम के खिलाड़ियों को बांधे रखा और उनसे उनका शानदार खेल निकलवाया उसके कई उदाहरण मिलते हैं। शुभमन गिल का सीजन काफी बढ़िया नहीं रहा लेकिन फिर भी इन दोनों ने इस यंग बल्लेबाज को भरपूर मौके दिए और सुभमन ने फाइनल में अहम टाइम पर नाबाद 45 रनों की पारी खेली। युवा गेंदबाज यश दयाल भी एक उदाहरण है।