
भारत और श्रीलंका के बीच मोहाली टेस्ट (भारत vs श्रीलंका टेस्ट) में रवींद्र जडेजा के 175 रन पर आउट होने के बाद भी पारी घोषित करने के निर्णय पर कई सवाल उठे। इससे कप्तान रोहित शर्मा और हेड कोच राहुल द्रविड़ निशाने पर आ गए। लेकिन 6 मार्च को मैच खत्म होने के बाद Rohit Sharma ने बताया कि ये फैसला खुद रविंद्र जडेजा ने लिया है।
रवींद्र जडेजा ने मोहाली टेस्ट में अपने हरफनमौला प्रदर्शन से हिंदुस्तान की जीत में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने मैच में नाबाद पारी 175 रनों के साथ कुल नौ विकेट लिए, जिससे टीम को तीन दिनों के भीतर श्रीलंका टीम पर एक पारी और 222 रन से जीत दर्ज करने में मदद मिली। पहली पारी में 174 रन पर सिमट जाने के बाद श्रीलंकाई की टीम दूसरी पारी में 178 रन पर सिमट गई।
पारी घोषित करने के फैसले पर रोहित शर्मा ने मैच के बाद की प्रस्तुति में कहा कि यह रवींद्र जडेजा ही थे जिन्होंने पारी घोषित करने के बारे में कहा था। इससे पता चलता है कि वे कितने निस्वार्थ खिलाड़ी हैं। दूसरे दिन के खेल के बाद जड्डू ने यह भी कहा कि उन्होंने ड्रेसिंग रूम में पारी घोषित करने के लिए संदेश भेजा था।
मोहाली जीतने पर क्या कहा रोहित ने?
टेस्ट कप्तानी की स्टार्टिंग जीत के साथ करने के बाद रोहित शर्मा ने कहा कि श्रीलंका के खिलाफ दो मैचों की सीरीज के फर्स्ट टेस्ट में भारत ने सभी विभागों में अच्छा प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा, ‘यह अच्छी शुरुआत थी। यह हमारे लिए बेहरतीन क्रिकेट मैच था। हमने सभी विभागों में अच्छा प्रदर्शन किया। सच कहूं तो मैंने नहीं सोचा था कि यह ऐसा मैच होगा जो तीन दिनों में खत्म हो जाएगा। यह बल्लेबाजी करने के लिए अच्छी पिच थी, इसमें कुछ टर्न था और तेज बॉलर्स को भी कुछ मदद मिल रही थी। खिलाड़ियों ने बहुत अच्छी गेंदबाजी की और दबाव बनाया और श्रीलंकाई बल्लेबाजों के लिए चीजों को आसान नहीं होने दिया और नियमित अंतराल पर विकेट हासिल करते रहे।
मोहाली टेस्ट में लगा रिकॉर्ड मेला
यह भारतीय क्रिकेट के लिए अच्छा संकेत है। विराट कोहली के लिए काफी शानदार प्रदर्शन, उपलब्धि टेस्ट रहा है और हम यहां आकर यह टेस्ट जीतने वाले प्रथम खिलाड़ी बनना चाहते थे। इस तरह के महान-व्यक्तिगत प्रदर्शन को देखना अद्भुत है।
वहीं, रोहित दूसरे भारतीय कप्तान बन गए हैं जिन्होंने कप्तानी की जिम्मेदारी संभालने के बाद टीम को प्रथम मैच में पारी की जीत दिलाई है। पोली उमरीगर पहले भारतीय कप्तान थे जिनके नेतृत्व में भारत की टीम ने 1955-56 में मुंबई में न्यूजीलैंड को एक पारी और 27 रन से हराया था।