
हिमाचल प्रदेश ने शुक्रवार को विजय हजारे ट्रॉफी (VHT) के पहले सेमीफाइनल में सर्विसेज टीम को 77 रन से हराकर फाइनल में जगह बनाई। जयपुर में सवाई मान सिंह स्टेडियम में खेले गए इस मैच में सर्विसेज टीम पूरी तरह बैक फुट पर थी। इस मैच में हिमाचल के बल्लेबाज से लेकर उनके गेंदबाज तक का दबदबा रहा, लेकिन टीम की जीत के मैन नायक कप्तान ऋषि धवन रहे। ऋषि ने गेंद और बल्ले दोनों से टीम की जीत में अहम योगदान दिया। हिमाचल ने प्रथम बल्लेबाजी करते हुए छः विकेट के नुक़सान पर 281 रन बनाए। सर्विसेज की टीम 204 रन स्कोर पर ढेर हो गई। फाइनल में हिमाचल का सामना तमिलनाडु से होगा, जिसने द्वितीय सेमीफाइनल में सौराष्ट्र को हराकर ट्रॉफी मुकाबले में एंट्री किया है।
हिमाचल के लिए सलामी बल्लेबाज प्रशांत चोपड़ा ने 78 स्कोर रनों की पारी खेली, जिसके लिए उन्होंने 109 बॉल का सामना किया और 4 चौकों के अलावा 3 छक्के लगाए। प्रशांत के बाद कप्तान ऋषि ने अपना बल्ला दिखाया और टीम को मजबूत रन तक पहुंचाया. नंबर छः पर उतरते हुए ऋषि ने 84 रनों की पारी खेली. इस पारी में उन्होंने केवल 77 बॉल का सामना किया और 9 चौकों और एक छक्का लगाया। आखरी में उन्हें आकाश वशिष्ठ का मदद मिला। वशिष्ठ ने 29 गेंदों का सामना करते हुए दो छक्के लगाए और चार चौके । मिडल क्रम के बैट्समैन दिग्विजय रंगी ने 37 रन बनाए।
ऋषि ने लिए चार विकेट
ऋषि ने बल्ले से शानदर कमाल दिखाने के बाद अपनी गेंदबाजी से भी खूब अच्छा प्रदर्शन किया. उन्होंने 8.1 ओवर में मात्र सताइस रन देकर चार विकेट चटकाए। धवन ने 7वें ओवर में सर्विसेज के सलामी बल्लेबाज लखन सिंह को पवेलियन भेजा। इसके बाद मोहित अहलावत छह रन बनाकर ऋषि के दूसरे शिकार बने। धवन ने दिवेश पठानिया को भी अपना शिकार बनाया। उन्होंने राजबहादुर को आउट कर सेवाओं की गठरी बांध दी। हालांकि सर्विसेज की ओर से दो बैट्समैन ने टीम को जिताने की पूरी कोशिश किया । रवि चौहान ने पेंतालिस रन और कप्तान रजत पालीवाल ने पचपन रन बनाए लेकिन दोनों ही अपनी टीम को जीत तक नहीं दिला सके.
MS धोनी की कप्तानी में डेब्यू
ऋषिधवन दाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं और इंडीया के लिए वनडे, T-20 खेल चुके हैं। उन्होंने इंडिया टीम के लिए एक टी20 और तीन वनडे मैच खेला है। उन्होंने सतरह जनवरी वर्ष 2016 को मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में अपना ODI पदार्पण किया। उन्होंने देश के लिए खेले गए तीन एकदिवसीय मैचों में सिर्फ एक विकेट लिया। वहीं, वह एक T-20 मैच में महज 1 विकेट ही ले सके। टी20 मैच में वह जिम्बाब्वे टीम के खिलाफ हरारे में खेले थे। 2016 के बाद, वह फिर कभी टीम इंडिया के लिए नहीं खेल सके।