
साल 2013 में जब राजस्थान रॉयल्स (RR) के कुछ खिलाड़ियों का नाम फिक्सिंग में आया तो क्रिकेट जगत में हड़कंप मच गया। इसे इंडियन क्रिकेट में अब तक का सबसे बड़ा दाग माना जाता है। इस दिन फर्स्ट बार यह मामला सामने आया था। नौ साल पहले हुए कांड में केवल खिलाड़ी ही नहीं बल्कि पूरी टीम आई थी।
वर्ष 2013 में दिल्ली पुलिस ने आईपीएल 6 में खेल रहे राजस्थान रॉयल्स के तीन खिलाड़ियों को गिरफ्तार किया था। श्रीसंत, अंकित चव्हाण और अजीत चंदीला को मुंबई से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने बताया कि साल 2013 में राजस्थान रॉयल्स और मुंबई इंडियंस के अलावा राजस्थान रॉयल्स और किंग्स इलेवन पंजाब (Punjab Kings) के मैचों में स्पॉट फिक्सिंग हुई थी।
पुलिस ने कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के साथ मकोका भी लगाया था। इन तीन खिलाड़ियों के अलावा दाऊद और छोटा शकील समेत 42 को आरोपी बनाया गया था। एक अन्य मामले में मुंबई पुलिस ने कथित सट्टेबाजी के आरोप में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) से जुड़े विंदू दारा सिंह, गुरुनाथ मयप्पन और प्रियांक सेपानी को गिरफ्तार किया है।
जांच के बाद खबर आई कि गेंदबाजों को इशारा करना था कि वे रन देने के लिए तैयार हैं। जैसे कभी-कभी वह पैंट में तौलिया डालता, शर्ट उतारता, शर्ट से लॉकेट निकालता। 9 मई को हुए मैच में श्रीसंत ने अपने स्पेल के द्वितीय ओवर में तेरह रन देना स्वीकार किया। संकेत था कि वह द्वितीय ओवर के दौरान पतलून में एक छोटा तौलिया रखेंगे। और उन्होंने ऐसा किया भी। तीन खिलाड़ियों को दंडित किया गया और प्रतिबंधित किया गया।
स्पॉट फिक्सिंग के इस पूरे मामले को लेकर सुप्रीम-कोर्ट ने लोढ़ा कमेटी का गठन किया था। 2015 में इस कमेटी ने कड़ा कदम उठाते हुए राजस्थान रॉयल्स तथा चेन्नई सुपर किंग्स को 2 साल के लिए बैन कर दिया था। वहीं, फिक्सिंग में शामिल खिलाड़ियों पर आजीवन बेन लगा दिया गया था। कुछ साल बाद एस श्रीसंत को सजा से छूट दे दी गई।