
साल 2017 में जब वर्ल्ड कप हुआ था तब भारतीय टीम खिताब जीतने से चूक गई थी। फाइनल मुकाबले में इंग्लैंड ने टीम इंडिया के वर्ल्डकप जीतने के सपने को एकतरफा तरीके से जीतकर तोड़ दिया था। भारतीय टीम दो बार विश्वकप जीतने से चूक चुकी है, लेकिन इस बार वह ऐसा बिल्कुल नहीं चाहेगी। न्यूजीलैंड में होने वाले वर्ल्डकप (Women’s World Cup 2022) में Team India दमदार प्रदर्शन कर खिताब अपने नाम करना चाहेगी। हालांकि यह इतना आसान नहीं होने वाला है। टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड तथा न्यूजीलैंड जैसी बड़ी टीमों से भिड़ना है, जो खिताब की बड़ी दावेदार हैं। मिताली राज की टीम में भी दम है, लेकिन इसमें कुछ खामियां भीहैं जो चैंपियन बनने की राह में आड़े आ सकती हैं।
भारतीय टीम की बात करें तो उसके बाद जोश व अनुभव दोनों है। टीम में ऐसे खिलाड़ी हैं जो अपनी बल्लेबाजी तथा गेंदबाजी के लिए पूरी दुनिया में जाने जाते हैं। हालांकि, इसके बावजूद इसमें कुछ कमजोरियां भी हैं, जिन पर ध्यान देना बहुत ही जरूरी है।
गेंदबाजी है कमजोर कड़ी
न्यूजीलैंड की पिचों पर इंडियन गेंदबाजी थोड़ी कमजोर नजर आ रही है। न्यूजीलैंड के खिलाफ ODI सीरीज में टीम इंडिया के गेंदबाज 270 के पार का स्कोर भी नहीं बचा सके। झूलन गोस्वामी के नेतृत्व में बॉलर्स लगातार अच्छी गेंदबाजी नहीं कर पाए. विरोधी बल्ले-बाजों पर अच्छी पकड़ बनाने के बाद अचानक गेंदबाजी में आई सुस्ती के कारण कीवियों ने वनडे सीरीज के दो मैच जीते। अगर World Cup में ऐसा ही रहा तो जीतना मुश्किल हो जाएगा।
बीच के ओवरों में ढीली गेंदबाजी एक समस्या
पूनम यादव-पूजा वस्त्राकर का रूप नजर नहीं आ रही है। दोनों का विकेट लेना बहुत जरूरी है। उनका साथ देना जरूरी है दीप्ति शर्मा तथा राजेश्वरी गायकवाड़। इसके अलावा हरमनप्रीत कौर को भी अपनी गेंदबाजी में बढ़त लानेकी जरूरत है। बीच के ओवरों में अच्छी गेंदबाजी बहुत जरूरी है क्योंकि यहां से विरोधी टीम बड़ी साझेदारियां बनाकर मैच को अपने कब्जे में ले लेती है।
शेफाली वर्मा कब रंग में आएंगी?
अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी के लिए जानी जाने वाली शेफाली वर्मा फिलहाल फॉर्म बिल्कुल भी में नहीं हैं। शेफाली ने न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे शृंखला में खेले गए 5 मैचों में 19.20 की औसत से 96 रन बनाए। उनका स्ट्राइक रेट भी 77 रहा। वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे अभ्यासमैच में शेफाली खाता भी नहीं खोल सकीं। शेफाली का फॉर्म में न होना टीम के खिताब जीतने के सपने को कड़ा झटका दे सकता है।