
नई दिल्ली: दिल्ली कैपिटल्स ने आईपीएल 2021 सीजन में श्रेयस अय्यर की जगह ऋषभ पंत को कप्तान नियुक्त किया है। श्रेयस अय्यर की कप्तानी छोड़ने की वजह बेहद दर्दनाक रही। अय्यर को उनके प्रदर्शन के कारण नहीं, बल्कि चोट के कारण कप्तानी से हटा दिया गया था। दिल्ली कैपिटल्स आईपीएल 2021 में 9 मैचों में 7 जीत के साथ अंक तालिका में शीर्ष पर है। अब ऋषभ पंत को कप्तान बनाए जाने पर श्रेयस अय्यर ने खुद अपनी चुप्पी तोड़ी है।
श्रेयस अय्यर ने कहा कि वह दिल्ली कैपिटल्स की कप्तानी करना पसंद करते हैं, लेकिन वह 2021 सीज़न के अंत तक ऋषभ पंत को कप्तान बनाए रखने के टीम प्रबंधन के फैसले का सम्मान करते हैं। अय्यर ने 2020 में दिल्ली को फाइनल में पहुंचाया, लेकिन इस साल टूर्नामेंट के पहले चरण में कंधे की चोट के कारण चूक गए, जिसके बाद पंत को टीम प्रबंधन द्वारा कप्तान नियुक्त किया गया।
दिल्ली ने पंत को कप्तान बनाए रखा
26 वर्षीय अय्यर ने तब वापसी की जब कोविड-19 के कारण मई में स्थगित हुए आईपीएल को बहाल किया गया, लेकिन दिल्ली ने पंत को कप्तान बनाए रखा। सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ जीत में नाबाद 47 रन की आक्रामक पारी खेलने वाले अय्यर ने कहा कि वह टीम की नीति को समझते हैं और उन्हें कोई शिकायत नहीं है। दिल्ली ने यह मैच आठ विकेट से जीता।
अय्यर ने ऋषभ पंत को लेकर किया ये कमेंट
अय्यर ने मैच के बाद कहा, ‘जब मुझे कप्तानी सौंपी गई तो मैं एक अलग ही स्थिति में था और मेरी निर्णय लेने की क्षमता और सहनशीलता का स्तर बहुत अच्छा था और पिछले दो वर्षों में मुझे इसका फायदा मिला है।’ अय्यर ने कहा, ‘यह फ्रेंचाइजी का फैसला है और उन्होंने जो भी फैसला लिया है मैं उसका सम्मान करता हूं। ऋषभ सीजन की शुरुआत से ही टीम का अच्छी तरह से नेतृत्व कर रहे हैं और उन्हें लगा कि उन्हें सीजन के अंत तक कप्तान के रूप में बने रहना चाहिए और मैं इस फैसले का पूरा सम्मान करता हूं।
बल्लेबाजी पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं अय्यर
अय्यर ने कहा कि उन्हें दबाव की स्थिति में खेलने में मजा आता है क्योंकि ऐसी स्थिति में उनका खेल फलता-फूलता है। अय्यर ने कहा, ‘और कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है। अब मैं बल्लेबाजी पर ज्यादा ध्यान दे रहा हूं। जब मैं कप्तान था तो मुझे दबाव में खेलना पसंद था। जब दबाव होता है तो आपके सामने चुनौतियां ज्यादा होती हैं और ऐसे हालात में मैं अच्छा प्रदर्शन करता हूं।’ अय्यर ने कहा, ‘आज (बुधवार) भी जब मैं क्रीज पर आया तो मैच जीतने का दबाव था। विकेट में असमान उछाल था इसलिए मेरी सोच अंत तक टिके रहकर मैच जीतने की थी।