Tuesday, May 30Beast News Media

कोरोना ने छीना बाप का साया, अब पापा की फेवरेट टीम ने बेटे को बना दिया करोड़पति, नीलामी के बाद भर आई आंखें

हाल ही में भारत ने वेस्टइंडीज में खेले गए आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप को जीत लिया है। तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि भारत की जूनियर टीम के खिलाड़ी IPL-2022 मेगा ऑक्शन में कमाल कर देंगे। हुआ भी ऐसा ही। अंडर-19 टीम के सितारे बिक गए और उनमें से एक थे राजवर्धन हैंगरगेकर। दाएं हाथ के इस गेंदबाज को महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में चार बार की विजेता चेन्नई सुपर किंग्स ने खरीदा है। चेन्नई ने राजवर्धन को 1.5 करोड़ रुपये में जोड़ा है। राजवर्धन के लिए यह भावनात्मक क्षण था क्योंकि चेन्नई वह टीम है जो उनके पिता की पसंदीदा टीम थी। आज जब राजवर्धन का रिश्ता इस टीम में शामिल हो गया है तो उनके पिता इस दिन को देखने के लिए जीवित नहीं हैं।

राजवर्धन के पिता का 2020 में कोविड उन्नीस के कारण निधन हो गया था। चेन्नई सुपर किंग्स उनके पिता की पसंदीदा टीम थी और टीम के कप्तान एमएस धोनी उनके पसंदीदा क्रिकेटर थे। कुछ महीने बाद राजवर्धन के शरीर पर चेन्नई की जर्सी होगी।

काश पिताजी जिंदा होते!

राजवर्धन रविवार को Auction देख रहे थे। यह एक बेटे के लिए एक सपने जैसा था। राजवर्धन ने इंग्लिश अखबार ‘इंडियन एक्सप्रेस’ से बात करते हुए कहा, “मेरे पिता चेन्नई सुपरकिंग्स को बहुत पसंद करते थे और वह व्यक्तिगत रूप से उस टीम का अनुसरण करते थे। काश वह इसदिन को देखने के लिए जीवित होते। वह जहां भी होंगे, निश्चित रूप से खुश और अच्छा होंगे। मेरे पास शब्द नहीं हैं।” यह बात करते हुए राजवर्धन इमोशनल हो गए।

पैसे नही खेलना जरूरी

राजवर्धन ने कहा है कि उनके लिए यह जरूरी है कि वह पैसे सेन खेलें। दाएं हाथ के इस बॉलर ने कहा, “मेरे लिए पैसे से ज्यादा खेलना-जरूरी है। ये चीजें तब आएंगी जब मैं प्रदर्शन करूंगा। इसलिए मेरा ध्यान इस टाइम क्रिकेट खेलने पर है।”

एम एस धोनी की कप्तानी में खेलने के सवाल पर राजवर्धन ने कहा, ”मैं उनका मार्गदर्शन लूंगा, उनसे काफीकुछ सीखने को मिलता है.”

कोच यह चाहते हैं

राजवर्धन के कोच मोहन जाधव चाहते हैं कि वह माही पर निगाहे रखें। उन्होंने कहा, ‘IPL में खेलना किसी भी क्रिकेटर का सपना होता है। राजवर्धन को मेरी एक ही सलाह है कि एम एस धोनी को देखें और सीखें। मुझे पता है कि अगर उन्हें मौकामिला तो वह अपना टैलेंट दिखाएंगे। हां थोड़ी घबराहट जरूर होगी लेकिन वह मानसिक रूप से मजबूत है। मैंने उन्हें जून 2020 में अपने पिताजी को खोने के बाद से एक व्यक्ति के रूप में बेहतर होते देखा है।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *